पवित्र बलिदान
फ्रांस के करडोनिस बेल आइलके प्रकाश-मृहकी घटना है । प्रकाश-गृहमें लालटेन जलानेवाला अचानक बीमार पड गया । बडी अँधेरी रात थी । उसकी यलीने लालटेनक्रो जला दिया । लालटेन जलाकर वह लौटी ही थी कि उसने देखा कि पति मरणासन्न है । वह बडी चिन्तित हो गयी । इत्तनेमें उसके सात सालके लडके और दस सालकी लड़कीने सूचना दी कि लालटेन घूम नहीं रही है । प्रकाश-गृहकी लालटेन
रातभर घूमकर समुद्रकी उत्ताल तरडोंपर चारों ओर अपना प्रकाश फैलाती थी । यदि वह एक ही दिशाको प्रकाशित करती तो ज़हाजोंके टकराने और डूबने की आशंका हो जाती थी ।
Holy Sacrifice |
पत्नीने पतिको मरणशय्यापर छोड़ दिया और बच्चों को साथ लेकर वह लालटेन ठोक करने चली गयी । लालटेन ठोक नहीं हो सकी ।
“बच्चों ३ तुमलोग रातभर इस लालटेनक्रो घुमाते
रही । समुद्रमें चारों और घना अन्थकार छाया हुआ है; वडे जोरका तूफान आ रहा है ।’ यह आदेश देकर वह
षतिके पास चली आयी ।
दोनों बच्चे नौ बजे रांतसै सात बजे सजेरेतक
लालटेन घुमाते रहे । इस प्रकार उन्होंने अनेक जहाजोंक्रो
प्रकाश दिया और असंख्य ग्राणोंक्री रक्षा की, पर उनके पिताके प्राण तो चले ही गये । माँ मृत पतिके मास रो रही थी, पर इस पवित्र बलिदानके लिये उसके मनमें निराशाकी एक रेखा भी न यी । अपने वच्चोंके सत्कर्तव्य-यालनसे वह बडी प्रसन्न थी । -रा० श्री०