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हो गया पिंजरा पुराना – Ho gya pinjara purana – Kabir ke shabd

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 


कबीर के शब्द

हो गया पिंजरा पुराणा, देता पंछी उल्हाना।
कुछ बीज धर्म के बोजा, लगे दाग जिगर के धोजा।।

उम्र बीत गई अकड़ ना टूटी, धनमाया जी भर के लूटी।
दान करा ना एक दो मुट्ठी, तूं पाप का भागी होग्या।।

जैसी संगत वैसी भाषा, क्यूं देता है झूठी अभिलाषा।
दुनिया देखै खड़ीं तमाशा, और गफलत के में सोग्या।।

दो दिन का है जगत झमेला, मातपिता भाई गुरु चेला।
साथ चले ना पैसा धेला, तूं भूल भरम में सोग्या।।

कह सिसरिया कर गया धोखा, जान माल का लगेँना धोखा।
फेर जन्म यो मिले न मौका, तूं सच्चा सद्गुरु टोह जा।।
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