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कबीर हरी के भजन कर ले – Hari ke bhajan kr le kabir das ke shabd

kabir das ke shabd

हरी के भजन कर ले रे,दर्शेगा नूर
दर्शेगा नूर दीवाने कोए,मिलेगा जरूर।

करो गुरु से अर्ज ,जब पाओगे मर्ज ,जिंदगानी बीती
जाए, फेर चेतने की बारी कब जी
गुरु के शब्द तैं होजा,खल का कपूर।।
छोडो मत साधु संग,बार-2 लागे रंग,भव सागर से हो
निर्दन्ग कालवों से जीतो जंग जी
मन का गुमान तज दे,काया का गरूर।
ध्यान पे कमान करो खीचना है सुन्न ताहिं
सुरतां निरतां बुद्धि तीनो,रोक राखो एक ताहिं जी।।
सूली के चढ़े तैं होजा,चकना रे चूर।
अलख संग कर ले खोजा,लाख पावे रोक रोजा।
मावस पूनम पड़वा दोजा, प्रीतम के संग कर ले मोजा
कह कबीर मोती बरसे अबीर ,हंसा चुगेंगे जरूर।।
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