Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
ले गुरु का नाम बन्दे, ये ही तो सहारा है।
ये जग का पालनहारा है।।
ये जग का पालनहारा है।।
तारीफ करूँ क्या दीन दाता की, दयालु नाम है।
दीं दुखियों के दामन को भर देना, गुरु का काम है।
लाखों की तकदीर को, इस मालिक ने सँवारा है।।
दीं दुखियों के दामन को भर देना, गुरु का काम है।
लाखों की तकदीर को, इस मालिक ने सँवारा है।।
क्या भरोसा इस जिंदगी का, गुरु को याद कर।
क्या सोचता है अनमोल जीवन को, ना तूं बर्बाद कर।
सौंप दी पतवार, फिर तो पास में किनारा है।।
क्या सोचता है अनमोल जीवन को, ना तूं बर्बाद कर।
सौंप दी पतवार, फिर तो पास में किनारा है।।
कौन है तेरा क्या साथ जाएगा, गुरु का ध्यान कर।
व्यर्थ है काया धोखे की माया, गुरु से पहचान कर।
बनवारी नादान तूने, क्यों गुरु को बिसारा है।।
व्यर्थ है काया धोखे की माया, गुरु से पहचान कर।
बनवारी नादान तूने, क्यों गुरु को बिसारा है।।