मौन की महिमा से ऐसे होता है चमत्कार
जीवन की विभिन्न समस्याओं में मौन का प्रयोग बहुत कारगर सिद्ध होता है।
श्रीलंका की पहाड़ियों पर एक बौद्ध बहुल गांव था। वहां चोरी बहुत होती थीं इसलिए वहां के लोगों का एक दूसरे पर अविश्वास बढ़ता गया। एक दिन की बात है एक किसान की दुधारू गाय चोरी हो गई तो लोगों का आक्रोश फूट पड़ा।
गांव में पंचायत बुलाई गई। चोर खोजने को लेकर विचार विमर्श होने लगा। जल्द ही लोग एक दूसरे पर दोष मढ़ते दिखाई देने लगे। ऐसी परिस्थितियों में गांव के एक धर्मगुरु बोले, ‘एक दूसरे पर आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा। इसलिए यहां उपस्थित सभी लोग एक घंटे का मौन व्रत करें और कुछ सोचें।’
मौन रहते हुए एक घंटा पूरा हो चुका था, एक युवक सिर झुकाकर उठा और उसने कहा, ‘मैनें ही गाय चुराई है। और में दंड भुगतने के लिए तैयार हूं। इस तरह वह थोड़ी देर मौन रहते अपने किए गए कर्मों पर गौर करते और उसका प्रायश्चित करते। इस तरह उस गांव से इस तरह की घटनाओं का होना बंद हो गया।’
संक्षेप में
जीवन की विभिन्न समस्याओं में मौन का प्रयोग बहुत कारगर सिद्ध होता है। मौन मन को एकाग्र करता है। इसके प्रयोग से अंतर्मन में स्थित सत्य और विवेक के उन आदर्शों को अपनाने में सहायता मिलती है। जो शब्दों के कोलाहल में अमूमन दब से जाते हैं