Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
गर्भ ना करो रे गवारा,जोबन धन पावना दिन चारा जी।
पशु के चाम की बने रे पँहिया ,नोबत मढ़े है नगारा जी
नर तेरा चाम काम नहीं आवे, जल बुझ हो जा झारा जी।
बीस भुजा दस शीश थे रे, पोते पुत्र परिवारा जी
मर्द गर्द में मिल गए प्यारे लंका के सरदारा जी।
मर्द गर्द में मिल गए प्यारे लंका के सरदारा जी।
हाड मांस का बना रे पिंजरा, भीतर भरा अहंकारा जी
ऊपर रंग सुरंगा है रे, धन कारीगर करतारा जी।
ऊपर रंग सुरंगा है रे, धन कारीगर करतारा जी।
गुरु बिन ज्ञान विमुख है जाको, मार-2 यम हारा जी
कह कबीर सुनो भाई साधो, छोड़ चले संसारा जी।
कह कबीर सुनो भाई साधो, छोड़ चले संसारा जी।