सच्चे मित्र की परख
एक साहूकार ने अपने बेटे से पूछा क्या तुम्हारा कोई सच्चा मित्र भी है बेटे ने बताया मेंरे सभी सच्चे मित्र हैं। उसने अपने सभी मित्रों के नाम बता दिये। रात्रि में एक बजे पिता ने अपने बेटे को जगाया और अपने साथ चलने को कहा।बेटे को साथ लेकर वह उसके मित्र के घर गया और बेटे से कहा तुम अपने मित्र को आवाज दो।
बेटे ने बहुत आवाज लगाई परन्तु मित्र ने कोई उत्तर नहीं दिया।तब पिता पुत्र को एक दूसरे रास्ते से उसके मित्र के घर अन्दर ले गया। घर के अन्दर उसका मित्र अपनी पत्नी से कह रहा था रात में बोलना ठीक नहीं है। कोई भी व्यक्ति रात में तभी आता है जब वह बहुत दुःखी हो या रुपये की जरूरत हो। साहूकार ने यह सब बातें अपने पुत्र को सुना दीं।