“धार्मिक आस्थाओं में अंकों का अर्थ बताये॥”
Explain the meaning of numbers in religious institutions |
एक का क्या अर्थ है?
ईश्वर एक है।
दो का क्या अर्थ है?
ईश्वर और जीव के मिलने से सृष्टि बनी।
‘तीन’ का क्या तात्पर्य है?
तीन लोक माने गये हैं-स्वर्ग लोक, मृत्यु लोक, पाताल लोक।
‘चार’ का धार्मिक दृष्टि में क्या अर्थ है?
वेद चार हैं-ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद।
‘पांच’ का अर्थ समझायें।
तत्व पाँच होते हैं-क्षिति (पृथ्वी), जल(पानी), पावक (अग्नि), गगन (आकाश), समीर (वायु)।
‘छ:’ का क्या तात्पर्य है?
छ: का अर्थ ऋतुओं से होता है। एक वर्ष में छः ऋतुएँ होती हैं-बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशर।
‘सात’ अंक का तात्पर्य किससे है?
‘सात’ अंक का तात्पर्य संगीत के सात सुरों से हैं-सा, रे, ग, म, प.ध, नी तथा वैज्ञानिक दृष्टि में ये सूर्य की किरणों में सात रंग होते हैं।
‘आठ’ का अर्थ समझाइये?
एक दिन और एक रात में आठ पहर होते हैं।
‘नौ’ का क्या अर्थ है?
नौ का अर्थ ‘नवधा-भक्ति’ से लिया गया है।
‘दस’ का तात्पर्य क्या है?
दिशाओं में ‘दस’ अंक का संबंध है। दिशाएं दस होती हैं-पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आकाश, पाताल, नैऋत्य, वायव्य, ईशान, आग्नेय। इनके अलावा दिग्पाल भी दस होते हैं। जिसके नाम इस प्रकार हैं-इन्द्र, यम, कुबेर, वरुण, ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र, अग्नि, नैऋत्य और पवन।
आखिर व्यों ?