दुर्गा अष्टमी
दुर्गा अष्टमी चेत्र मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। इस दिन पर्वतराज की पुत्री पार्वती ने अवतार लिया था। इस दिन कुंवारी कन्यायें और सुहागिनें पार्वती जी की गोबर से निर्मित प्रतिमा का पूजन करती हैं। नवरात्रों के बाद इस दिन दुर्गा जी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। इसलिये इसे दुर्गाष्टमी भी कहते हैं।
इस पर्व पर नवमी को प्रातःकाल देवी का पूजन होता है। पार्वतीजी के निमित्त ब्रत करने वाली महिलाओं को पति सेवा का भाव नहीं भूलना चाहिए।