परिवर्तन, नियम है संसार का
पर परिवर्तन पर संसार सदा है हैरान स परिवर्तन, कभी-कभी आता है धीरे-धीरे जैसे बच्चा, कई साल बाद देखते ही बढ़ा दिख जाता है और हैरान कर जाता है जरा सोचो तो आखिर बच्चों को बढ़ना, रूप बदलना ही तो है जड़ों का विस्तार,प्राणों का संचार जीवन का प्रचार परिवर्तन, कभी-कभी आता है चुपचाप दबे पांव, अचानक और पूर्णतया और देता है अचंभा जरा सोचो तो आखिर वे हवाएं जो मौसम के अनुसार बदल देती हैं अपनी दिशाएं पूर्णतया ला सकती हैं मानसून कर सकती हैं जड़ों का विस्तार प्राणों का संचार जीवन का प्रचार
-श्रीमती गिरिजा अरोड़ा