Kabir ke Shabd
चलो चलो सखी अब जाना पिया भेज दिया परवाना।
एक दूत जबर चल आया, सब लश्कर लाव सजाया।
किया बीच नगर के थाना।।
गढ़ कोट किला गिरवाया, सब द्वार बन्द करवाया।
अब किस विधि होए रहाना।।
जब दूत महल में आवै, वे तुरंत पकड़ ले जावै ।
तेरा चले ना एक बहाना।।
वो पंथ कठिन है भारी, कर संग सामान तैयारी।
ब्रहमानन्द फेर नहीं आना।।