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भूल गई रस्ता मैं तो भूली रे ठिकाना-Bhool Gayi Rasta Mein to Bhuli re Thikana Kabir Ke Shabd

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
भूल गई रस्ता मैं तो भूली रे ठिकाना।

इतना तो याद मेरा देश है दीवाना।।
दुनिया के मेले में आई, मेरे पिता के साथ हे।
मेले में मेरे पिता का, छूट गया हाथ हे।।


फिरूँ हूँ टोहवती मैं तो, मुश्किल है पाना।।
पाँच ठगां ने घेर ली, मेरा कोन्या चाला जोर हे।
मैं रोइ भी भतेरी किसे ने, सुना कोन्या शोर हे।
मैं किसने कह दूँ अपना जग में, दुश्मन है जमाना।।

पाँच ठगां ने भाई बनके,जुल्मी के संग लादी।
अंजाया पति नहीं मिला, मेरी नहीं हुई है शादी।
जो इबकै छुटवा दे इन तैं, ना भूलूँगी अहसाना।।

बंगले के में सन्तों ने, भक्ति बेल लगाई।
चालो हे म्हारी सूरत सुहागण, उड़ै मिलती नाम दवाई।
काटेंगे क्लेश म्हारा, छह सौ मस्ताना।।
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