Kabir ke Shabd
बन्दे चलेगा तेरा, कोई ना बहाना।
मौत का लगेगा जब, सीने पे निशाना।।
चारों तरफ़ तेरे आग लगेगी, सोने की काया राख बनेगी।
फिर ना रहेगा तेरा कोई ठिकाना।।
शोक वही जो तेरा हाल होगा, सिर पे तेरे एक दिन वो काल होगा।
बचा ना सकेगा तुझे तेरा ही घराना।।
बन्दे तूँ तो ना कर मेरा मेरी, इस जग में ना कोई चीज तेरी।
रखा रह जाएगा यहीं वो खजाना।।
सद्गुरु स्वामी मुक्ति के दाता, पूर्ण करते सबकी आशा।
सद्गुरु नाम जहाज कहाना।।