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बाबू अफलातून – Babu Aflatoon anmol kahani

बाबू अफलातून

पढ़ पढ़ अंग्रेजी हुए, बाबू अफलातून। 
पानी को वाटर कहें, घर में नाहीं चून॥
एक एम० ए० पास व्यक्ति का अनपढ़ औरत से विवाह हो गया परन्तु वह खूब सूरत बहुत थी। रूपवती पत्नी पाकर वह आदमी फूला नहीं समा रहा था। एक दिन इन महोदय ने अपनी पत्नी से कहा वाटर लाओ। वाटर शब्द सुनकर वह घबरा गई और मन में सोचा कि वाटर का अर्थ है पत्थर। वह हाथ में एक पत्थर लेकर आ गईं।
बाबू अफलातून - Babu Aflatoon anmol kahani

पत्थर को देखकर उसका पति क्रोधित होकर बोला -”नौंन सेंस!” उसकी पत्नी घबरा गई और पत्थर को नीचे रख दिया। पति समझ गया कि यह अंग्रेजी नहीं जानती । तब उसने कहा पानी लाओ। पत्नी मुरादाबादी गिलास में ठण्डा पानी ले आयी। वह प्रसन्न होकर पत्नी से बोला-थेंक्यू। स्त्री ने थेंक्यू का अर्थ लगाया कि जल को फेंक दो। इस पर उसने जल को फेंक दिया पति महोदय बेचारे प्यासे ही रह गए।

सज्जनों! यह अंग्रेजी भाषा बोलने का ही परिणाम है। संस्कृत और हिन्दी भाषा को त्याग कर हम जो अपने देश में अंग्रेजी भाषा के प्रचार में लगे हैं, इससे आम जनता का भला होने वाला नहीं है।
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