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धार्मिक आख्यानों के अनुसार चतुर्थी तिथि को चन्द्र दर्शन नहीं करना चाहिए। कारण स्पष्ट करें? – According to religious stories, one should not see Chandra on Chaturthi Tithi. Explain the reason?

धार्मिक आख्यानों के अनुसार चतुर्थी तिथि को चन्द्र दर्शन नहीं करना चाहिए। कारण स्पष्ट करें?

चतुर्थी तिथि को ही भगवान श्री कृष्ण पर ‘स्यमन्तक-मणि’ की चोरी करने का कलंक लगा था। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार चन्द्रमा को अपनी सुंदरता का अभिभान हो गया था और हने शंकर सुवन गजबदन, प्रथम पूज्य गणेश जी का उपहास क्रया। क्रोधित होकर गणेश जी ने चन्द्रमा को श्राप दे दिया-जाओ म काले कलूटे हो जाओ। श्राप सुनकर चन्द्रमा भय से थर-थर काँपने लगे। 

The story of Ganesh Chaturthi vrat, ganesh ji and Chandra Dev katha, ganesh  chaturthi on 12 march | गणेश चतुर्थी व्रत की कथा जुड़ी है चंद्रदेव से, इस  दिन चंद्र दर्शन करने
According to religious stories, one should not see Chandra on Chaturthi Tithi. Explain the reason?

उसे दिन भाद्रपद (भादों) भास की चतुर्थी तिथि थी। चन्द्रमा ने गणेश जी के चरणों को पकड़ लिया और क्षमा याचना करने लगे। उनकी क्षमा याचना से द्रवीभूत होकर गणेश जी बोले-अब से तुम सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होओगे तथा महीने में एक दिन के लिए पूर्णता प्राप्त करोगे। मेरा श्राप केवल भाद्रपद की चतुर्थी को विशेष प्रभावी रहेगा। बाकी चतुर्थियों को इसका अधिक प्रभाव नहीं होगा। इस दिन जो मेरा पूजन करेगा उसका मिथ्या कलंक मिट जायेगा। 

चतुर्थी तिथि को चन्द्र-दर्शन की निषिद्धता के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण हो तो स्पष्ट करें? सूर्य-चन्द्र की गणना के अनुसार चतुर्थी तिथि के दिन चन्द्रमा ऐसे त्रिकोण पर स्थित होता है जहां से सूर्य की ‘मृत्युपरक किरणें (विषैली) ही चन्द्रमा पर पड़ेती हैं वैज्ञानिक तथ्यों से यह सिद्ध हो चुका है कि चन्द्रमा स्वतः प्रकाशमान नहीं होता। सूर्य का वही मृत्युपरक प्रकाश चतुर्थी को चन्द्रमा द्वारा पृथ्वी की ओर आता है। इस कारण चतुर्थी को चन्द्रमा नहीं देखना चाहिए।

आखिर क्यों ?
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