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Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
आज तो आनन्द म्हारे, सद्गुरु आए पावना।
हरा हरा मनै गोबर मंगाया,आँगनियाँ लिपावना।
आँगनियाँ के ओरे धोरे, मोतियन चोंक पुरावना।।
सुरई गऊ को दूध मंगायो, उज्ज्वल खीर पकावना।
खीर खांड रो अमृत भोजन, सद्गुरु न्योत जिमावना।।
जमना जी के इरे तीरे, कपिला गऊ चरावना।
मीरा जी को सद्गुरु मिल गए, बंशी के बजावना।।