बन्दर की चतुरता – Clever Monkey story: Unveiling the Wits of a Primate
बन्दर की चतुरता – Clever Monkey Chronicles: Unveiling the Wits of a Primate – एक बन्दर रोज नदी के किनारे स्थित जामुन के वक्ष पर बैठकर जामुन खाया करता था। एक दिन उसने एक मगर को नदी के किनारे पर बैठा देखा तो बन्दर न कुछ जामुन मगर के सामने भी फेंक दिये। मगर को जामुन बड़े स्वादिष्ट लगे । अब मगर प्रतिदिन वहाँ पर जामुन खान को आने लगा।
एक दिन मगर ने सोचा जब बन्दर इन स्वादिष्ट जाम॒नों को प्रतिदिन खाता है तो इसका कलेजा तो बहुत मीठा होना चाहिए। इसके दूसरे दिन मगर ने बन्दर से कहा मित्र! चलो मैं तुम्हें नदी की सैर करा लाऊँ। तुम मेरी पीठ पर बैठ जाना। बन्दर मगर की चालाकी को न समझकर उसकी बातों में आ गया और वह मगर की पीठ पर बैठकर नदी की सैर करने चल दिया।
नदी के बीच में जाकर मगर बन्दर से बोला मैं तुम्हारा , कलेजा खाना चाहता हूँ। बन्दर मगर की अपेक्षा अधिक चतुर था। वह मगर से बोला अरे! यह क्या बात है? मैं अपने मित्र के लिए कुछ भी कर सकता हूँ। परन्तु मैं अपना कलेजा तो पेड़ पर ही छोड़ आया हूँ। तुम अभी मेरे साथ । चलो। मैं पेड़ पर पहुँच कर तुम्हें अपना कलेजा खाने के लिए दे दूंगा। मगर उसकी बातों में आ गया और बन्दर को किनारे | पर ले आया। बन्दर तुरन्त पेड़ पर चढ़ गया और मगर से ॥
बोला मित्र! धोखा देने के लिए भी बुद्धि रूपी अक्ल की आवश्यकता होती है। मगर पछताता हुआ नदी में वापिस चला गया।