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पालना – हिन्दुओ के व्रत और त्योहार

पालना 

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श्री राम झूले पलना रे झुलाओ मेरी सजनी 
काहे का तेरा पालना री सजनी काहे क्री लग रही डोर 
अदन चंदन का पालना री सजनी रेशम की लग रही डोर झुलाओ ,.. 
कौन तो झूले कौन झुलावे कौन तो झोटा देवे 
राम तो झूले लखन झूलावे राजा दशरथ झोटों देवे झुलाओ मेरी सजनी
एक लुगाई म्हारे अंगना में आई लाल के नजर लगाई,
झुलाओ … 
आँख ना खोले लाला मुख से ना बोले हुलर हुलर दुधा गेरे झुलाओ ….
उस लुगाई ने पकड़ बुलाओ लाला की नजर उतारो झुलाओ ….
नून ओर राई उतार यशोदा लाला की नजर उतारी झुलाओ ….. 
आँख भी खोले लाला मुख से भी बोले गुटर गुटर दूधा पीवे ‘ झुलाओ …. 
आंगन में खेल रहे चारों भाई
राम और लक्ष्मण चरत भरत है हनुमत धूम, मचाई  आगन में ….. 
दूर खेलन मत जाओ मेरे लाला दूर बड़े बड़े हाऊ
आगन में
बारह बरस मैया गऊए चराई कभी ना देखे बडे बडे हाऊ  आगन में ……
ना कोई चाचा ना कोई ताऊ आप ही माँ का जाया भाई आँगन में ….. 
आप हो चाचा आप ही ताऊ आप ही माँ का जाया भाई आँगन में …. 
मारी टोर गेंद गई जमना कूद पड़े रघुराई 
आँगन में …. 
रावण मार राम घर आए घर बंटे है बधाई 
आँगन में .., 
मात यशोदा करे आरता सखियों ने मंगल गाए 
आँगन में …. 
मात कौशल्या तपे है रसोई जीम रहे चारों भाई
आँगन में … 
बहन सुभद्रा जल भर लाहे चिवड़ा करे चारों भाई 
आँगन में … 
घर आए तरे लक्ष्मण राम अयोध्या में खुशी हुई
मात कौशल्या पूजन लागी कहो लंक की बात अयोध्या में …. 
किस विधि तो तैने रावण मारे किस विधि लाए सिया जीत, । अयोध्या में … 
आठ गाँठ तो लक्ष्मण रोपे नौ गाँठ रोपे राम 
ड्योडी पे तो अंगद ठाडे कूद पड़े हनुमान अयोध्या में…. 
मात कौशल्या करे आरता सखियों ने मंगल गाए 
मात सुमित्रा तपे रसाई चारो भईया भोग लगाए 
हनुमत बाता चंबर ढुआए घर-घर बंटे बधाई 
अयोध्या में …..
केरे चढ़ाऊं राम के धर पूजू केरे
धरूँगी हर के आगे राम
बाडी का बैंगग राम सुआ बिगाड़ो 
तो आम कोयलिया का झूठा राम 
गऊओ का दूधा, राम बाछा बिगाड़ा 
तो माखन माँखियो का झूठा राम 
त्रिया कौ काया राम बाला बिगाड़ी 
तो बार-बार दासी थारी राम 
राम रसोई राम बहुआ बिगाड़ी तो 
बालक झूठ बिखेरी राम
लड्डू चढ़ाऊ राम लुड॒ लुड॒ जाए
हर के तो पेडे लागे प्यारे राम 
मोर अशरफी राम राजा सँभाले 
कुठला पूत सभाले राम 
गहनों का डिब्बा राम बहुआ सँभाले 
बुगचा घी ने सँभाले राम 
हमरे चढ़ावे राम ऊगा की दातन 
गंगा जल झारी श्री कृष्ण की चुल्लू  ए राम 
हमरे चढ़ावे राम ताता  सा पानी 
श्री कृष्ण का नहान संँजोया राम
हमरे चढावे राम पाट पीताम्बब टसर की धोती
श्री कृष्ण के अंग बिरजे राम
हमरे चढ़ावे राम गोपी का चंदन 
श्री कृष्ण के माथे बिरजे राम
हमरे चढ़ावे राम तुलसी की माला
फूलों की माला श्री कृष्ण के गले विराजे राम 
हमरे चढाऊँ राम मिश्री का कुंजा 
श्री कृष्ण के भोग लगावे राम 
हमरे चढावे राम काबुल की मेवा
श्री कृष्ण के भोग लगाए राम
हमरे चढ़ावे राम बास की बंसरी 
श्री कृष्ण के मुख बिराजे राम 
सारी वनस्पति राम अटल बिराजे 
यों पथवारी के आगे राम 
यों ही चढ़ावे राम यो धर पूज 
यो ही धरूगी हर के आगे राम
पथवारी अगन कवारी राम 
मै तुमसे पूछूॅ आप कृष्ण जी 
तीनों में कौन कोन प्यारी राम 
राधा भी प्यारी मैने रुकमन भी प्यारी
तो तुलसा बहुत ही प्यारी राम
मैं तुमसे पूँछँ मेरे आप कृष्ण जी 
तुलसा किस गुण प्यारी राम 
सोवे अवेरी तुलसा जागे सवेरी 
तो तुलसा इस विधि प्यारा राम 
नहावे सवेरी तूलसी जीमे अवेरी 
तो तुलसा इस गुण प्यारी राम
कंठधरे तो तुलसा लागे चरचरी 
शशि धरे महकारी राम
तुलसा में आवे खुशबू हे राम 
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