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नीयत

नीयत

एक राजा ने अपने नगर में संगमरमर का एक बड़ा सुन्दर तालाब का निर्माण कराया। उसने सोचा कि इसमें पानी के बजाये यदि दूध भरवाया जाये तो बड़ा अच्छा रहेगा। यह सोचकर उसने अपने मंत्री के सामने अपने विचार रखे। मंत्री ने उत्तर दिया–स्वामी!
आप सारे शहर में मुनादी पिटवा दें कि नगर का प्रत्येक व्यक्ति नव निर्मित तालाब में आज रात को दूध का एक कलश डालेगा। इस प्रकार तालाब दूध से भर जायेगा और आपको कुछ खर्च भी नहीं करना पड़ेगा। राजा ने मंत्री की सलाह मानकर अपने नगर में मुनादी पिटवा दी।
प्रत्येक व्यक्ति मुनादी को सुनकर विचार करने लगा कि जब सभी आदमी दूध का एक-एक कलश तालाब में डालेंगे तो मैं अकेला उसमें अपना एक पानी से भरा कलश डालूँगा तो किसी दूसरे को इस बात का पता भी नहीं चलेगा।
परिणाम स्वरूप नगर के प्रत्येक व्यक्ति तालाब में दूध की पानी से भरा कलश उंडेल कर चला जाता। प्रात: काल अपने मंत्री के साथ तालाब को देखने पहुँचे तो उन्हें दूध के स्थान पर पानी से भरा दिखाई दिया। |

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