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तनाव कैसे दूर करें || How to relieve stress

तनाव कैसे दूर करे ?

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आज तनाव से हर कोई परिचित है क्योंकि तनाव ने हर मनुष्य के जीवन मे अपनी जगह बना ली है । school मे पढ़ने जाने वाला बच्चा   हो या college मे पढ़ने वाला किशोर . जीवन की हर अवस्था मे इसका प्रयोग हो गया है । आज हर व्यक्ति जीवन की एक ऐसी दौड़ मे शामिल है , जिसमे परिस्थिति या उसके ऊपर दबाव डालती है । उसे काम करने के लिये मजबूर करती है । वह काम करना चाहे या न चाहे , उसे काम करना पड़ता है । यदि वह काम नही करता , तो उसके ऊपर काम करनेका दबाव बढ़ता जाता है , जो उसके लिये तनाव का कारण बनता है और उसके स्वस्थ को नुकसान पहुँचाता है । कई बार अपने इस तनाव को कम करने के लिये ही वह कार्य करता है ।
दोस्तो मेरा आज का article थोड़ा long है । आप इसे आराम से कभिभि पढ़ सकते हो । इसके लिये आप इस page को अपने browser के bookmark मे save करके रख सकते हो । इससे आप इस article को कभिभि पढ़ सकोगे ।
आज की ज़िंदगी मे तनाव ही है , जो मनुष्य को आगे बढ़ने के लिये धक्का देता है । लेकिन यही तनाव जब ज़रूरत से ज्यादा हो जाता है , तो ढेर सारी परेशानी खड़ी कर देता है ।और इनमे प्रमुख रूप से सबसे पहले health related problems आती है , रिशतो के समिकरन गडबदाते है । तनाव होने पर कभी लोग इससे जूझ जाते है और कभी इसके सामने घुटने टेक देते है , अपनी पराजय मान लेते है । जो व्यक्ति तनाव से जूझ जाते है , वे आगे बढ़ जाते है और बहुत सुकून महसूस करते है । क्योकि तनाव से जूझकर उसे पराजित करना बड़ी सफलता होती है । जिसके लिये वह व्यक्ति बहुमूल्य पुरस्कार का हकदार होता है । उसे मन कि शांति येव सुकून मिलता है ।
✓ अनमोल है परिश्रम
✓ क्‍या  आप जानते है ?
जब हम अपने जीवन मे आने वाले तनाव से घबराते है । उससे अपना पीछा छुडाना चाहते है तो इसका मतलब है कि हम कुछ करना नही चाहते आगे नही बढना चाहते । जहा है जैसे है बस उसी मे खुश रहना चाहते है । जीवन की हर परिस्थिति एक चुनौती लेकर आती है और जिसे स्वीकारने पर हमें उस कार्य को करना पड़ता है । यदि हम ऐसा नही करते तो चुनौती पूरी न कर पाने का तनाव आता है जो हम पर निरंतर दबाव डालते है कि हमें उन्हें ल पूरा करना है । यह दबाव ही धीरे धीरे तनाव का कारण बन जाता है ।
तनाव के विविध कारण है । इनमें से एक कारण – मिलने वाले परिणाम की आशंका के कारण उत्पन्न होने वाला तनाव है । जैसे परीक्षा से मिलने वाले परिणाम की आशंका से उत्पन्न तनाव । बारिश न होने पर या अधिक होने पर खेती के खराब होने की आशंका के कारण उत्पन्न  तनाव । future मे कुछ न कर पाने की चिंता   के कारण उत्पन्न  तनाव आदि। अर्थात     तनाव उन कारण से भी होता है जिन पर हमारा कोई वश नही है । परिणामो की आशंकाओ के कारण उत्पन्न  तनाव को दूर करने का एक उपाय यह भी है कि हम खाली न बैठे अपने लिए कुछ न कुछ काम करें ।
निरंतर तनाव मे रहने से व्यक्ति     का चेहरा भी तनाव ग्रस्त    दीखने लगता है और असमय ही उसके शरीर को बूढ़ा        कर देता है । आज हमें तनाव मे जीने की इस कदर आदत पड गई है कि हम हर दिन तनाव के साथ ही उठते है और हर रात तनाव के साथ ही सोते है । अब प्रश्न    यह उठता है की क्या   हमें हमेशा तनाव के साथ ही अपने जीवन का समय व्यतीत करना होगा  । इससे मुक्ति     का कोई उपाय नही ? तो ऐसा बिल्कुल  नही है ।

    तनाव मुक्त रहकर भी काम किया जा सकता है और अपनी zindagi को तनाव रहित किया जा सकता है । लेकिन इसके लिए हमें किसी भी परिस्थिति मे तनाव मुक्त रहने का अभ्यास करना होगा ।
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