Search

पंथीड़ा पंथ बांका रे – Kabir Ke Shabd-panthidaa panth baankaa re, ho panthidaa।।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
पंथीडा पंथ बाँका रे, हो पंथीडा।।

पंथ बाँका मुक्ति नाका, अजर झांका रे।
कौन कामधेनु धाम है रे, जिनै सत्त नाम चाखा रे।।

महल बारीक एक द्वार है, जहां श्रवण थाका रे।
जुगन-२ के हंस बिछुड़गे, धनी मिला ना क्या रे।।

कोटि भान उजियारा है, जहां जगमगाटा रे।
भय मिटा निर्भय हुआ, मिटा जम का सांसा रे।।

प्रेम आगे नेम कैसा, सभी थाका रे।
कह कबीर शरीर झूठा, शब्द साँचा रे।।
Share this article :
Facebook
Twitter
LinkedIn

Leave a Reply