दया से बादशाही
एक व्यक्ति शिकार के लिये जंगल में गया । वहॉ उसने एक हरिनी को देखा। उसके साथ छोटा बच्चा था । शिकारी दौडा, हरिनी तो डरकर जंगल में छिप गयी । बच्चा पकड़ा गया । शिकारी बच्चे को लेकर चला तब हरिनी भी निकल आयी और बच्चे के स्नेहवश वह भी पीछे-पीछे चलने लगी। शिकारी ने कुछ दूर आने के बाद पीछे की और मुड़कर देखा।
हरिनी की आँखों से आँसुओँ की धारा बह रही थी और वह पीछे पीछे चली आ रही थी। शिकारी अपने गाँव के समीप आ गया। तब भी हरिनी उसी प्रकार रोती चली आ रही थी। उसको दया आ गयी। उसने बच्चे को छोड़ दिया। बच्चा छूटते ही छलाँग मारकर माँ के पास पहूँचा। हरिनी मूक आशीर्वाद देती हुई बच्चे को लेकर लोट गयी।
रात को शिकारी ने स्वपन में देखा-कोई कह रहा है, इस दया के फलस्वरूप तुम्हें बादशाही मिलेगी। वही आगे चलकर गजनी का बादशाह हुआ।