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मेरे तो बहिन-बहनोई दोनों हैं I have both sister and sister in law .

मेरे तो बहिन-बहनोई दोनों हैं
जनकपुर में
एक विधवा ब्राह्मणी रहती थी। उसके एक
छोटा लड़का था।एक बार वह कुछ
लोगों के साथ चित्रकूट जा
रही थी। रास्ते में विधवा का लड़का अकेला एक जंगल में चला गया।
वह मिल नहीं रहा
था। किंतु विधवा के मन में यह दृढ़ विश्वास
था कि ‘राम जी अपने
साले को कहीं खोने नहीं देंगे।’
(जनकपुर की होने के कारण वहअपने को श्री रामलला जी की
सास मानती थी।)
I have both sister & sister in law awesome devotional story in hindi
इधर लड़का
जंगल में घूम रहा था
कि उसको एक तेजस्विनी स्त्री
मिली। उसने बड़े प्यार से
उससे पूछा-भैया! तुम मेरे
साथ चलोगे? ‘लड़के ने कहा-‘तू कौन
है? ‘स्त्री- ‘मैं तेरी बहिन
हूँ । ‘इसी समय
एक सुन्दर तरुण पुरुष वहाँ
आ पहुँचा और उसने कहा-‘यह
अपने घर नहीं जायगा, इसको अभी इसकी
माँ के पास पहुँचा आता
हूँ ।’
उधर विधवा
और उसके साथ वाले लोग
भी रास्ता भूल गये थे।
चलते-चलते उनको घास
काटती हुई एक स्त्री मिली।
उसने उनको ठीक रास्ता
बता दिया। आगे फिर एक
पुरुष मिला। उससे भी रास्ता पूछकर
वे लोग आगे बढ़े।
वहाँ जाने पर विधवा को उसका लड़का मिल गया। वह
बहुत ही प्रसन्न था। जब
उससे पूछा गया तब
उसने बताया कि ‘माँ! तू
तो कहती थी कि
तेरे कोई नहीं है।
मेरे तो बहिन-बहनोई दोनों हैं।’ उसने सारा प्रसङ्ग
सुनाया।  जिसे सुनकर विधवा
गद्गद हो गयी।-कु०
रा०
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