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दाता और याचक में बड़ा कौन -Who is greater between the giver and the beggar?

प्रेरक कथा : दाता और याचक में बड़ा कौन?
राजा दशरथ की सीख

Raja Janak & Raja Dashrath Story in hindi

राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा जनक के द्वार पर पहुंचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक बारात का स्वागत किया।

तभी दशरथजी ने आगे बढ़कर जनकजी के चरण छू लिए। 

चौंककर जनकजी ने दशरथजी को थाम लिया और कहा- ‘महाराज, आप बड़े हैं, वरपक्ष वाले हैं, ये उल्टी गंगा कैसे बहा रहे हैं?’

इस पर दशरथजी ने बड़ी सुंदर बात कही- ‘महाराज, आप दाता हैं, कन्यादान कर रहे हैं। मैं तो याचक हूं, आपके द्वार कन्या लेने आया हूं। अब आप ही बताएं किदाता और याचक दोनों में कौन बड़ा है?’

यह सुनकर जनकजी के नेत्रों से अश्रुधारा बह निकली। भाग्यशाली हैं वे जिनके घर होती हैं बेटियां!

हर बेटी के भाग्य में पिता होता है, लेकिन हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती।

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