राग झंझोटी : २
बाल्मीकि तुलसी से कहि गये,
एक दिन कलियुग आयेगा । टेक
ब्राह्मण होके वेद न जाने,
मिथ्या जन्म गवा देगा।
बिना खड़ग के क्षत्री होइहैं,
शूद्र ही राज चलावेगा ।
नहीं चीन्हे,
त्रिया से नेह लगावेगा।
नहीं स्वामी कह तिरिया जाने,
आन पुरुष मन भावगा ।
तब दुखिया हो जावेगा ।
राम नाम नहीं आवेगा
बेटा मात पिता
सती यती कोई विरले होई है,
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
बाल्मीकि तुलसी से कहि गये,
एक दिन कलियुग आयेगा । टेक
ब्राह्मण होके वेद न जाने,
मिथ्या जन्म गवा देगा।
बिना खड़ग के क्षत्री होइहैं,
शूद्र ही राज चलावेगा ।
नहीं चीन्हे,
त्रिया से नेह लगावेगा।
नहीं स्वामी कह तिरिया जाने,
आन पुरुष मन भावगा ।
तब दुखिया हो जावेगा ।
राम नाम नहीं आवेगा
बेटा मात पिता
सती यती कोई विरले होई है,
कहत कबीर सुनो भाई साधो,