Home Anmol Kahaniya मोती की खोज

मोती की खोज

0 second read
0
0
64
Pearl 88

मोती की खोज

एक दिन दरबार में बीरबल का अपानवायु ( पाद ) निकल गया। इस पर सभी दर्बारी हँसने लगे। राजा ने बीरबल पर क्रोधित होकर उसे शहर से निष्कासित कर दिया | बीरबल छ: माह बाहर रहकर जब शहर में आये तो एक दिन राजा की दृष्टि उस पर पड़ गयी। बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा – अब तो तुम दिखाई ही नहीं पड़ते हो।
Pearl 88
बीरबल बोला – महाराज! मैं मोतियों की खेती उगाना सीख कर आया हूँ, इसलिए थोड़े दिन के लिए बाहर चला गया। बादशाह लोभ में पड़कर बीरबल से बोले-भाई! हमारे लिए भी मोतियों की खेती कर दो । तुम जो चाहोगे सो तुम्हें साथ लेकर देखने गये। प्रातःकाल के समय पड़ी हुई ओस सूर्य की प्रथम किरणों में मोती के समान चमक रही थी। बीरबल ने कहा – महाराज! पर एक बात है, जो व्यक्ति जीवन भर में कभी पादा न हो वही इन मोतियों को अपने हाथ से उठा सकता है। बादशाह ने देखा कि सभी की निगाहें झुकी हुईं थीं। बादशाह भी अपनी गलती पर बड़े शर्मिंदा थे।
 मिलेगा।
बीरबल बादशाह अकबर से एक लाख रुपये महीने लेने लगा। बीरबल ने गेहूँ बो दिये। एक दिन बादशाह ने बीरबल से पूछा कि मोती उग आये हैं या नहीं। बीरबल ने बताया–महाराज! अभी पूरी तरह पके नहीं हैं। कल को आप देखने चल सकते हैं। बादशाह सभी दरबारियों को
Load More Related Articles
Load More By amitgupta
  • Images

    तृष्णा

    तृष्णा एक सन्यासी जंगल में कुटी बनाकर रहता था। उसकी कुटी में एक चूहा भी रहने लगा था। साधु …
  • Istock 152536106 1024x705

    मृग के पैर में चक्की

    मृग के पैर में चतकी  रात के समय एक राजा हाथी पर बैठकर एक गाँव के पास से निकलो। उस समय गांव…
  • Lord

    भगवान गर्व प्रहरी हैं

    "भगवान गर्व प्रहरी हैं: इस साक्षात्कार में 'भगवान गर्व प्रहरी हैं' के सिद्धांत के पीछे छिप…
Load More In Anmol Kahaniya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

बुद्ध को हम समग्रता में नहीं समझ सके – We could not understand Buddha in totality

बुद्ध को हम समग्रता में नहीं समझ सके – We could not understand Buddha in totality Un…