Home Uncategorized कबीर भजन १३०

कबीर भजन १३०

0 second read
0
0
16

कबीर भजन १३०

भजु मन जीवन नाम सवेरा टेक
सुन्दर देह देख निज भूलो,

झपट लेतया देही का गर्व न कीजै,

उड़ी पक्षी जस लेत बसेरा।

दुखखा मानुष जन्म न पैहो फेरा
यह नगरी में रह न पायो कोई,
जाय न कहै कबीर सुनो भाई साधो,
Load More Related Articles
Load More By amitgupta
  • Kabir Bhajan – raag jhanjhoti-shabd-2

    राग झंझोटी : २बाल्मीकि तुलसी से कहि गये,एक दिन कलियुग आयेगा । टेकब्राह्मण होके वेद न जाने,…
  • राग बिलाप-२७अब मैं भूली गुरु तोहार बतिया,डगर बताब मोहि दीजै न हो। टेकमानुष तन का पाय के रे…
  • शब्द-२६ जो लिखवे अधम को ज्ञान। टेकसाधु संगति कबहु के कीन्हा,दया धरम कबहू न कीन्हा,करजा काढ…
Load More In Uncategorized

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

How to Delete company/Single F.Y In busy-21 #06

How to Delete company/Single F.Y In busy-21 Efficiently delete company or a single financi…