Home pauranik katha बाबा तामेश्वरनाथ धाम इस शिवलिंग की कुंती ने की थी सबसे पहले पूजा-Baba Tameshwarnath Dham was the first worshiper of this Shivling by Kunti

बाबा तामेश्वरनाथ धाम इस शिवलिंग की कुंती ने की थी सबसे पहले पूजा-Baba Tameshwarnath Dham was the first worshiper of this Shivling by Kunti

8 second read
0
0
148
1 (4)
Baba Tameshwar Nath Dham Temple Khalilabad Gorakhpur Story in Hindi : आज हम आपको एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहा है, जहां पर पांडवों की माता कुंती ने सबसे पहले पूजा की थी। गोरखपुर से 60 किमी दूर संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद में बाबा तामेश्वरनाथ का धाम बसा है। मान्यता है कि जंगल के बीच बसा ये मंदिर सभी की मनोकामनाएं पूरी करता है। बाबा के दर्शन मात्र से ही भक्तों के दुख दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि भगवान के इस जगह पर उत्पत्ति के पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प है।

बाबा तामेश्वरनाथ शिवलिंग

कुंती ने की थी सबसे पहले शिवलिंग की पूजा

द्वापर युग में पांडवों को लाक्षागृह में जलाकर मारने की कोशिश नाकामयाब हो गई थी। पांडव अपना अज्ञातवास पूरा करने के लिए विराटनगर जा रहे थे। तभी यहां पर आकर उन्‍होंने आराम किया था। पांडवों की मां कुंती महादेव की भक्त थीं। उन्होंने यहां पर प्राकृतिक रूप से निकले शिवलिंग की पूजा की और बेटों के लिए प्रार्थना की। तभी से यहां पर भगवान तामेश्वर की पूजा-अर्चना की जाती है, जो आज भी जारी है।

मंदिर में मौजूद अन्य भगवान की मूर्तियां

मुस्लिम शासक ने की मंदिर नष्ट करने की कोशिश

स्थानीय निवासी रामेश्वर ने बताया कि खलीलाबाद के मुस्लिम शासक खलीलुरहमान ने इस मंदिर को नष्ट करने और यहां से हटाने की काफी कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं हो सका। थक-हारकर उसने शिवलिंग के आगे हाथ जोड़े और वहां से चला गया। इसके बाद एक राजा द्वारा इस मंदिर का पूरी तरह से निर्माण कराया गया।

मुराद मांगते शिवभक्त

ऐसे पड़ा तामेश्वरनाथ धाम का नाम

दिर के पुजारी शिवदत्त भारती ‘गोस्वामी’ ने बताया कि भगवान शिव का नाम तामेश्वर इसलिए पड़ा, क्योंकि आदिकाल में ये नगर ताम्रगढ़ के नाम से जाना जाता था। औरंगजेब के शासनकाल में जब हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाने लगा तो लोग यहां से भागकर नेपाल चले गए। जो बच गए, वे बाबा की शरण में आ गए। इसके बाद शिवजी ने उनकी रक्षा की। इसी वजह से उन्हें तामेश्वरनाथ के नाम से जाना जाने लगा।

सरयू नदी से जल लेकर करते हैं जलाभिषेक

शिवभक्त अंबिका नाथ ने कहा कि सावन के महीने में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। श्रद्धालु 40 किमी दूर सरयू नदी से जल लेते हैं और सोमवार को ब्रह्ममुहूर्त में शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। कहते हैं कि भोलेनाथ के दर्शन मात्र से भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है। लोग यहां पर घंटे चढ़ाते हैं और रामायण पाठ भी कराते हैं। सावन में दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं।

मंदिर में मुराद पूरी होने के बाद भक्त चढ़ाते हैं घंटे

नई फसल दान करते हैं ग्रामीण

पुजारी शरदचंद्र ने बताया कि शिव के तामेश्वरधाम को यहां के लोग अपना प्रमुख धार्मिक स्थल मानते हैं। जिसके घर में नई फसल पैदा होती है, वो अपनी फसल का आधा भाग यहां लाकर दान करता है। इसी दान से मंदिर के साधुओं और ब्राह्मणों का खर्च चलता है। भगवान तामेश्वर के बारे में कहा जाता है कि यदि कहीं पर अकाल या सूखा पड़ता है तो लोग शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं। इसके बाद बाबा की कृपा से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं।

सरोवर में भक्त करते हैं स्नान

सरोवर में स्नान करने बाद करते हैं बाबा के दर्शन

इस मंदिर के पास करीब एक दर्जन शिव मंदिर हैं। साथ ही परिसर के पास विशाल सरोवर भी है। इसमें स्नान करने के बाद ही भक्त बाबा के दर्शन करने जाते हैं। वहीं, सावन, शिवरात्रि और नागपंचमी के मौके पर यहां काफी तादाद में शिवभक्त आते हैं। भारत के अलावा नेपाल और दूरदराज से भी लोग यहां आकर बाबा के दर्शन कर आर्शीवाद लेते हैं।

  • अपने ही गज से सबको मत मापो

    अपने ही गज से सबको मत मापो एक तेली ने एक तोता पाल रखा था। किसी कारण वश तेली को दुकान छोड़क…
  • भगवान गर्व प्रहरी हैं

    भगवान गर्व प्रहरी हैं  जब महाराज युधिष्ठिर राजसूय यज्ञ कर रहे थे तो उनके मन में यह-विचार उ…
  • सच्चा मित्र कौन है ?

    सच्चा मित्र कौन है ? एक व्यक्ति के धन, कुटुम्ब और धर्म तीन मित्र थे। उसका धन रूपी मित्र पर…
Load More Related Articles
  • अपने ही गज से सबको मत मापो

    अपने ही गज से सबको मत मापो एक तेली ने एक तोता पाल रखा था। किसी कारण वश तेली को दुकान छोड़क…
  • भगवान गर्व प्रहरी हैं

    भगवान गर्व प्रहरी हैं  जब महाराज युधिष्ठिर राजसूय यज्ञ कर रहे थे तो उनके मन में यह-विचार उ…
  • सच्चा मित्र कौन है ?

    सच्चा मित्र कौन है ? एक व्यक्ति के धन, कुटुम्ब और धर्म तीन मित्र थे। उसका धन रूपी मित्र पर…
Load More By amitgupta
Load More In pauranik katha

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

अपने ही गज से सबको मत मापो

अपने ही गज से सबको मत मापो एक तेली ने एक तोता पाल रखा था। किसी कारण वश तेली को दुकान छोड़क…